Tuesday, 12 April 2011

Let's Know What Is Jan Lokpal Bill


आप भी जानें क्या है जन लोकपाल विधेयक

न्यायाधीश संतोष हेगड़ेप्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगों द्वारा वेबसाइट पर दी गई प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। इस बिल को शांति भूषणजे. एम. लिंग्दोहकिरण बेदीअन्ना हजारे आदि का समर्थन प्राप्त है। इस बिल की प्रति प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक दिसम्बर को भेजी गई थी। 

1. इस कानून के अंतर्गत केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त का गठन होगा।

2. यह संस्था निर्वाचन आयोग और सर्वोच्च न्यायालय की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी। कोई भी नेता या सरकारी अधिकारी जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पाएगा।

3. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कई बरसों तक मुकदमे लम्बित नहीं रहेंगे। किसी भी मुकदमे की जांच एक साल के भीतर पूरी होगी। मुकदमा अगले एक साल में पूरा होगा और भ्रष्ट नेताअधिकारी या न्यायाधीश को दो साल के भीतर जेल भेजा जाएगा।

4. अपराध सिद्ध होने पर भ्रष्टाचारियों द्वारा सरकार को हुआ घाटा वसूल किया जाएगा। 

5. यह विधेयक आम नागरिक की कैसे मदद करेगा: यदि किसी नागरिक का काम तय समय सीमा में नहीं होतातो लोकपाल जिम्मेदार अधिकारी पर जुर्माना लगाएगा और वह जुर्माना शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में मिलेगा। 

6. अगर आपका राशनकार्डमतदाता पहचानपत्रपासपोर्ट आदि तय समय सीमा के भीतर नहीं बनता है या पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करतीतो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकते हैं और उसे यह काम एक महीने के भीतर कराना होगा। आप किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकते हैंजैसे सरकारी राशन की कालाबाजारीसड़क बनाने में गुणवत्ता की अनदेखीपंचायत निधि का दुरुपयोग। लोकपाल को इसकी जांच एक साल के भीतर पूरी करनी होगी। सुनवाई अगले एक साल में पूरी होगी और दोषी को दो साल के भीतर जेल भेजा जाएगा। 

7. क्या सरकार भ्रष्ट और कमजोर लोगों को लोकपाल का सदस्य नहीं बनाना चाहेगी?  यह मुमकिन नहीं हैक्योंकि लोकपाल के सदस्यों का चयन न्यायाधीशोंनागरिकों और संवैधानिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा न कि नेताओं द्वारा। इनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से और जनता की भागीदारी से होगी। 

8. अगर लोकपाल में काम करनेवाले अधिकारी भ्रष्ट पाए गए तोलोकपाल/लोकायुक्तों का कामकाज पूरी तरह पारदर्शी होगा। लोकपाल के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत आने पर उसकी जांच अधिकतम दो महीने में पूरी कर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा। 

9. मौजूदा भ्रष्टाचार निरोधक संस्थानों का क्या होगासीवीसीविजिलेंस विभागसीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एंटीकरप्शन डिपार्टमेंट) का लोकपाल में विलय कर दिया जाएगा। लोकपाल को किसी न्यायाधीशनेता या अधिकारी के खिलाफ जांच करने व मुकदमा चलाने के लिए पूर्ण शक्ति और व्यवस्था भी होगी। 

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